जीन संपादन (क्रिस्पर-कैस9) कैसे काम करता है और इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है?-Omnath Dubey

जीन संपादन तकनीक क्रिस्पर-कैस9 (CRISPR-Cas9) एक उन्नत जैनेटिक तकनीक है, जिसका उपयोग विशिष्ट जीनों में परिवर्तन करने और वांछित परिणाम प्राप्त करने में किया जाता है। यह तकनीक एक प्रकार का "जेन एडिटिंग" है, जिसमें जीनों में नियंत्रित रूप से बदलाव किया जा सकता है। यह कैसे काम करता है, उसका एक सामान्य व्याख्यान निम्नलिखित है:

गाइड एरएनए (gRNA) डिजाइन: सबसे पहले, विशिष्ट जीन को संपादित करने के लिए एक गाइड एरएनए (gRNA) डिजाइन किया जाता है। यह gRNA उस स्थान को निश्चित करता है जहाँ जीन संपादन किया जाना है।

कैस9 एन्जाइम की संपादन: CRISPR-Cas9 तकनीक में Cas9 एन्जाइम को जीनों में परिवर्तित किया जाता है ताकि यह उस जीन के विशिष्ट स्थान पर जा सके और उसे "कट सके"।

जीन कटाव और संपादन: गाइड एरएनए (gRNA) की माद्देने और संपादित Cas9 एन्जाइम की माध्यम से जीन के विशिष्ट स्थान पर कटाव किया जाता है।

DNA रिपेयर: जीन कटाव के बाद, सेल की प्राकृतिक डीएनए (DNA) रिपेयर प्रक्रिया शुरू हो जाती है। यह अच्छी तरह से परिस्थितिक गणना की जाती है और जीन को पुनर्स्थापित करती है, जिसमें चुनौतीपूर्ण या प्राकृतिक परिवर्तन की आवश्यकता होती है।

CRISPR-Cas9 का उपयोग:

जीवन विज्ञान में अनुसंधान: CRISPR-Cas9 का उपयोग बायोलॉजिकल और मेडिकल अनुसंधान में किया जा सकता है। विज्ञानियों किसी विशेष जीन के काम और प्रभाव की अध्ययन करने में इसे उपयोग कर सकते हैं।

जीवों के उद्देश्यपूर्व संशोधन: CRISPR-Cas9 द्वारा जीवों के उद्देश्यपूर्व संशोधन किया जा सकता है, जैसे कि पौधों में विशिष्ट गुणों को बढ़ाना या कीटाणु संरक्षण के लिए मिट्टी में विशेष बैक्टीरिया को जोड़ना।

आवश्यक जीन थेरेपी: CRISPR-Cas9 का उपयोग बीमारियों के लक्षणों को ठीक करने या उनके निवारण के लिए की जा सकती है। इसे जीन थेरेपी के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें निर्दिष्ट जीनों में परिवर्तन किया जाता है ताकि शरीर में स्वास्थ्य और सामान्य क्रियाएं सुरक्षित रहें।

CRISPR-Cas9 ने जीन संपादन की क्षमताओं में विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है, और इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो सकता है, सभी सावधानियों और नैतिक मामलों को ध्यान में रखकर।