ब्लॉकचेन तकनीक कैसे काम करती है और इसका उपयोग सुरक्षित लेन-देनों में कैसे होता है?-Omnath Dubey

ब्लॉकचेन एक प्रौद्योगिकी है जो डेटा को सुरक्षित तरीके से स्टोर और ट्रांसैक्शन्स को सत्यापित करने के लिए उपयोग होती है। इसका मुख्य उद्देश्य डेटा की सुरक्षा और प्रत्येक ट्रांसैक्शन की सत्यापना है ताकि उसे बेहद सुरक्षित बनाया जा सके। यह कैसे काम करती है, उसकी एक सामान्य प्रक्रिया निम्नलिखित है:

ब्लॉकचेन काम करने की प्रक्रिया:

ब्लॉक: ब्लॉकचेन डेटा को ब्लॉक के रूप में ग्रुप करती है, जिसमें विभिन्न ट्रांसैक्शन्स शामिल होते हैं। प्रत्येक ब्लॉक में एक अद्यतन डेटा टाइमस्टैम्प (समय छाप) के साथ शामिल होता है।

क्रिप्टोग्राफी: प्रत्येक ब्लॉक के डेटा को क्रिप्टोग्राफिक तरीके से एक्सन्सक्राइब किया जाता है ताकि केवल उस व्यक्ति के पास ही जो विशेष कुंजी रखता है, उसे पढ़ सके।

हैश: प्रत्येक ब्लॉक के डेटा को एक हैश (यानी एक अद्यतन डेटा का छाप) के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह हैश अद्यतन डेटा के आधार पर बनाया जाता है और विशेष तरीके से तैयार किया जाता है।

पिछले ब्लॉक का हैश: प्रत्येक ब्लॉक का हैश अपने पिछले ब्लॉक के हैश के साथ जुड़ता है। इससे एक लिंकेज बनती है जिससे ब्लॉकचेन की एक अद्यतन सूचना आपके पास नहीं पहुंच सकती है बिना पिछले ब्लॉक की सत्यापना किए।

सत्यापना: जब एक ब्लॉक में कुछ ट्रांसैक्शन्स किए जाते हैं, तो वे सभी ब्लॉकचेन नेटवर्क के सदस्यों द्वारा सत्यापित होते हैं। अगर सदस्यों की बहुमत से ट्रांसैक्शन्स सत्य होते हैं, तो ब्लॉक नेटवर्क में जोड़ा जाता है।

सुरक्षित लेन-देनों में ब्लॉकचेन का उपयोग:

सुरक्षा: ब्लॉकचेन तकनीक डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करती है क्योंकि प्रत्येक ब्लॉक को क्रिप्टोग्राफिक तरीके से सुरक्षित किया जाता है।

सत्यापना: ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा हर एक ट्रांसैक्शन सदस्यों के द्वारा सत्यापित किया जाता है, इससे डेटा की सत्यापना होती है और नकली ट्रांसैक्शन्स से बचाव होता है।

निजता: ब्लॉकचेन तकनीक नेटवर्क में सभी लेन-देनों को प्राइवेट रखने में मदद करती है, जिससे कि केवल उन लोगों को पहुंचता है जिनका विशेष कुंजी है।

समानता: ब्लॉकचेन नेटवर्क में प्रत्येक सदस्य को ब्लॉकचेन की समानता जांचने का पूरा अधिकार होता है, इससे लेन-देन की स्थिति को सत्यापित किया जा सकता है।

इस तरीके से, ब्लॉकचेन तकनीक लेन-देनों को सुरक्षित और प्राइवेट बनाने में मदद करती है और डेटा की सत्यापना और समानता की सुनिश्चिता करती है।