नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो ने आज आदित्य एल-1 उपग्रह को अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। इस महत्वपूर्ण क्षमता के साथ, आदित्य एल-1 बिंदु नजदीकी हालो कक्षा में पहुँच गया है, जो भारत का पहला सौर अभियान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि की सराहना की है और इस साफल्य के बाद भी भारत को विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में नए क्षितिज की ओर बढ़ने का संकल्प दिखाया है।
आदित्य एल-1 ने यह मिशन संभाला है कि सूर्य के कोरोना, भीषण ताप, और पृथ्वी पर इसके प्रभाव का अध्ययन करेगा। इसका लक्ष्य लैग्रेंजियन बिंदु - एल वन का अध्ययन करना है, जो सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से संतुलन में रह सकता है। यह बिन्दु पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है।
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