उत्तरकांड: श्रीराम का अंतिम सीन

"उत्तरकांड: श्रीराम का अंतिम सीन" रामायण महाकाव्य का अंतिम भाग है, जिसमें श्रीराम भगवान की अंतिम लीलाएं, विचार, और महत्वपूर्ण घटनाएं विवेचित की जाती हैं। इस भाग में राम भगवान का अयोध्या से चलना, श्रीराम-सीता का वियोग, और राम भगवान की अंतिम तपस्या का वर्णन होता है।

उत्तरकांड रामायण का अध्याय है जो श्रीराम के आखिरी जीवनकांड को समर्थन करता है और उनकी अंतिम यात्रा का वर्णन करता है। इस अध्याय में राम भगवान की अद्भुत विचारशीलता, दीन-दयालुता, और विराग भावना प्रकट होती है।

उत्तरकांड में, श्रीराम भगवान ने अपने विशेष अनुयायियों को उनकी उपदेश देने वाले भूमिका में देखा जाता है और वहां उनके विचार, सूचनाएं, और मार्गदर्शन से युक्त होते हैं।

"उत्तरकांड: श्रीराम का अंतिम सीन" रामायण महाकाव्य का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो धार्मिकता, मोक्ष, और अनुष्ठान के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को प्रस्तुत करता है। इस अध्याय के माध्यम से पाठक श्रीराम के अद्वितीय चरित्र और विचारों को समझ सकते हैं और उनके द्वारा प्रतिष्ठित धर्मिक और नैतिकता के सिद्धांतों का आदर्श जीवन में अनुसरण कर सकते हैं।