नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ता भारत: आदित्य एल-1 की सफल स्थापना

इसरो की उपग्रह आदित्य एल-1 का हालो कक्षा में प्रवेश होने के बाद भारत ने अंतरिक्ष में नए क्षितिज की ओर कदम बढ़ाया है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण क्षण की सराहना की और बताया कि यह मिशन सूर्य और पृथ्वी के संबंधों की गहराईयों में ज्ञान में वृद्धि करेगा।

इसरो ने मोटर और थ्रस्टर का सफल प्रयोग करके आदित्य एल-1 को उसके निर्धारित लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर पहुंचाया है, जिससे इसे पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ले जाया गया है।

प्रधानमंत्री ने इस सफलता को वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रतीक कहा और बताया कि भारत विज्ञान के नए लक्ष्यों की दिशा में बढ़ता रहेगा। इसरो के मिशन में महिला वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी ध्यान देते हुए, राष्ट्रपति ने उन्हें भी सराहा और महिला सशक्तिकरण की बात की.

आदित्य एल-1 भारत का पहला सौर अभियान है जो सूर्य के कोरोना, भीषण ताप और पृथ्वी पर इसके प्रभाव का अध्ययन करेगा। इस महत्वपूर्ण क्षण में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस सफलता के लिए समृद्धि और सराहना भरी।

भारत ने इस मिशन से अंतर्राष्ट्रीय मानकों में एक नई पहचान बनाई है और इससे पूरी मानवता को विज्ञानिक दृष्टि से लाभ होगा।