Characters:
- राजू - एक भोले-भाले और अव्यवस्थित युवक।
- बाबू - राजू का शरारती दोस्त।
- पूजा - राजू की प्यारी, जो उससे हमेशा एक कदम आगे होती है।
- बॉस - राजू का कठोर और चिढ़चिढ़ाता नियोक्ता।
- चिंटू - मस्ती भरे अनोखे शख्स।
- दादी - राजू की बुद्धिमान और वित्तीय दादीमा।
Scene 1: राजू का घर - लिविंग रूम
(राजू सोफे पर बैठा हुआ है, टीवी देख रहा है। बाबू अनोखा पिटारा लेकर आता है।)
बाबू: राजू, देख यार! मैंने मार्केट से एक ऐसा अजीब सा पिटारा खरीदा है। कुछ जादूई चीज़ है!
राजू: जादू? मुझे तो जादू से डर लगता है।
बाबू: अरे, तू फिक्र मत कर। इस पिटारे से हम कॉमेडी वाली कहानी बनाएंगे!
Scene 2: ऑफिस
(राजू अपने ऑफिस में काम कर रहा है। उसका बॉस आता है।)
बॉस: राजू, तुम्हारा काम इतना स्लो क्यों होता है?
राजू: (घबराकर) सर, मैं तो त्राई करता हूँ, लेकिन...
बॉस: बस बस, कोई बहाना नहीं चलेगा। अगर कल तक काम नहीं हुआ, तो तुम्हारी नौकरी चली जाएगी!
(राजू चिंतित दिखता है और बाबू पिटारे के साथ आता है।)
बाबू: राजू, ये लो पिटारा। इसका एक जादू है, जो तुम्हारी परेशानियाँ दूर कर देगा!
Scene 3: राजू का घर - लिविंग रूम
(राजू पिटारा खोलता है। धुंधली धुंधली धुंध उठती है, और दादी जादू से प्रकट होती हैं।)
दादी: अरे, मेरे राजू! परेशानियों की रानी दादी आ गई है।
राजू: दादी, आप यहाँ कैसे?
दादी: वो बाबू ने मुझे पिटारे से निकाला है। अब चलो, परेशानियों का सामना करते हैं!
Scene 4: ऑफिस
(राजू उम्दा गति से काम कर रहा है, अपने बॉस को प्रभावित करते हुए।)
बॉस: राजू, तुमने आज काम बहुत तेज़ी से किया है। अच्छा किया!
(राजू दादी की ओर देखता है और मुस्कान छोड़ता है।)
Scene 5: कॉलेज कैंपस
(राजू पूजा को चिंटू के साथ बात करते हुए देखता है, जहास्यास्पद रूप में।)
राजू: दादी, पूजा मुझसे दूर हो रही है!
दादी: अभी दिखाती हूँ तुझे कैसे उसका दिल जीतना है।
(दादी एक मजेदार नृत्य करती है, चिंटू को शर्मिंदा करते हुए और पूजा को हँसाते हुए।)
पूजा: राजू, तुम कितने मजेदार हो!
Scene 6: राजू का घर - लिविंग रूम
(राजू और बाबू दादी के साथ बैठे हुए हंसते हैं।)
बाबू: राजू, दादी का पिटारा सचमुच जादू से भरा है!
दादी: परेशानियों का पिटारा है, बेटा। हर मुसीबत को हंसी में बदल देता है।
राजू: मुझे तो यह पिटारा हमेशा के लिए चाहिए!
(वे सभी मिलकर हंसते हैं, जबकि स्क्रीन धीरे-धीरे फेड़ होती है।)
Scene 7: मार्केट
(राजू, बाबू और दादी मार्केट में घूम रहे हैं। वहां एक आभूषण की दुकान है।)
राजू: दादी, यह देखो! वहां एक आभूषण दुकान है। मुझे पूजा के लिए कुछ अद्भुत खरीदना है।
दादी: अच्छा, वहां चलते हैं!
(राजू और दादी दुकान में जाते हैं। दुकानदार उन्हें विभिन्न आभूषण दिखाता है।)
दुकानदार: यह गहने आपके लिए खास हैं, सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता में।
राजू: (सोचते हुए) दादी, मैं कौन सा आभूषण खरीदूं?
दादी: राजू, क्यों नहीं एक वाहन आभूषण खरीदते हैं? वह पूजा को हंसा-हंसाकर देगा!
राजू: हाँ, बहुत अच्छा विचार है, दादी। वही लेते हैं!
(राजू और दादी एक मजेदार वाहन आभूषण खरीदते हैं, जिसे देखकर सबको हंसी आती है।)
Scene 8: नगर क्षेत्र
(राजू और दादी वाहन में सवार होकर नगर क्षेत्र में घूम रहे हैं। वे लोगों की आँखों में मुस्कान ला रहे हैं।)
राजू: दादी, यह तो मजा ही मजा है! हर किसी का मन खुश करने का अद्वितीय तरीका है!
दादी: हाँ, राजू, हंसी और खुशी दुनिया के सबसे अच्छे दवाएं हैं।
Scene 9: राजू का घर - लिविंग रूम
(राजू और दादी घर वापस आते हैं, जहां बाबू उनका इंतज़ार कर रहा होता है।)
बाबू: राजू, तुम्हारे साथ बिना मजा नहीं आता है।
राजू: हाँ, बाबू, लेकिन तेरे बिना भी मेरी ज़िंदगी बोर हो जाती है।
दादी: तुम दोनों बहुत ही शरारती हो, लेकिन तुम्हारी दोस्ती मुझे बहुत खुशी देती है।
(सभी मिलकर हंसते हैं, जबकि स्क्रीन धीरे-धीरे फेड़ होती है।)
Scene 10: राजू का घर - लिविंग रूम
(राजू, बाबू और दादी अपने घर में बैठे हुए हंसते हैं। तभी घर के दरवाजे पर अनोखे ढंग से एक आवाज सुनाई देती है।)
आवाज: ठग, रुको! मैं अपनी संगीनी लौटा रहा हूँ!
(राजू, बाबू और दादी हैरान हो जाते हैं और दरवाजे को खोलते हैं।)
चिंटू: हे भगवान! तुम लोग कैसे चुढ़ैलों से लड़ गए?
दादी: हाँ, ये तो बहुत ही खतरनाक और ख़ुफ़िया है! हम तो डर गए थे!
राजू: अरे, ये तो अपनी बीवी है! इसे कैसे भूल गया!
चिंटू: हाँ, यार, तुम तो बहुत ही भूलकड़ हो!
(सभी मिलकर हंसते हैं, साथ ही चिंटू की चुटकुलों पर भी हंसते हैं।)
Social Plugin