भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि दिवालिया और शोधन अक्षमता संहिता-आईबीसी (Insolvency and Bankruptcy Code - IBC) के तहत ऋणदाताओं को उनके कुल दावों का 32 प्रतिशत मिल गया है। उनके अनुसार, 2016 में आईबीसी लागू हुई थी और इसके तहत सात हजार 58 दिनदहाड़ी व्यक्तियों ने दिवालिया और शोधन अक्षमता संहिता के तहत समाधान के लिए आवेदन किए थे, जिनमें से पांच हजार 57 मामले सितम्बर तक बंद हो गए हैं।
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