इसरो का ऐतिहासिक क्षण: ध्रुवीय उपग्रह से ब्रह्मांडीय एक्सरे का अध्ययन

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान- पीएसएलवी-सी58 से एक्स-रे पोलारीमीटर सैटेलाइट-एक्सपोसैट को अंतरिक्ष में सफलता से छोड़ा है। यह ऐतिहासिक प्रक्रिया श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश, से सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर की गई। इस मिशन के माध्यम से भारत ने ब्रह्मांडीय एक्सरे के ध्रुवीकरण का अध्ययन करने में अपने पहले समर्पित वैज्ञानिक प्रयास को प्रस्तुत किया है। इस प्रक्षेपण के साथ साथ होने वाले दस अन्य वैज्ञानिक पेलोड की भी सफलतापूर्वक प्रक्रिया की गई है।

इसरो के अध्यक्ष, एस0 सोमनाथ ने बताया कि एक्सपोसैट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है और इसके साथ प्रक्षेपित दस अन्य पेलोड भी विभिन्न संस्थानों से संबंधित हैं। इनमें टेक मी टू स्पेस, एलबीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर वुमन, केजे सौमया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, इंस्पेसिटी स्पेस लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड, बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, और इसरो से तीन पेलोड शामिल हैं।

इस महत्वपूर्ण प्रक्षेपण से भारत ने ब्रैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स के अध्ययन के लिए विशिष्ट खगोल शास्त्रीय वेधशाला को भेजने में सफलता प्राप्त की है। यह इसरो के लिए एक और ऐतिहासिक क्षण है, जो अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को एक अग्रणी देश बनाने की कड़ी मेहनत का परिणाम है।