दिव्य कला मेला: दिव्यांगजनों का साहित्यिक उत्थान और सामाजिक सशक्तिकरण

भारतीय संस्कृति और कला का सशक्त अधिवेशन, 'दिव्य कला मेला', सूरत में आयोजित हो रहा है।
सूरत, गुजरात: भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम का दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग देश भर में एक अद्वितीय कार्यक्रम की योजना बना रहा है। 'दिव्य कला मेला' एक ऐसा मंच है जो दिव्यांग कलाकारों और उद्यमियों को उनके शिल्प और कौशल को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का एक अद्वितीय और सामाजिक अभिवादन है।

**दिव्य कला मेला**, जो 29 दिसंबर, 2023, से 7 जनवरी, 2024, तक सूरत, गुजरात, में हो रहा है, अपने आकर्षक रूप में देश भर से आगंतुकों को मिलाएगा। इस उत्कृष्ट आयोजन में जम्मू-कश्मीर सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों से आए गए दिव्यांग कलाकार और उद्यमियों के उत्पादों को प्रस्तुत किया जाएगा।

इस मेले का उद्दीपन दिव्यांगजनों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नहीं सिर्फ एक प्रदर्शनी है, बल्कि यह एक पूरे समुदाय को एक स्थान पर मिलाकर उनके प्रति समर्पण का प्रतीक है।

**दिव्य कला मेला** की श्रृंखला 2022 से शुरू हो रही है, और यह सूरत के बाद देशभर में अन्य शहरों में भी होगा। इसके माध्यम से दिव्यांग कलाकारों को अपने कौशल और उत्पादों का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा और उन्हें व्यापारिक माध्यमों के साथ जोड़ने का मौका मिलेगा।

इस मेले में लगभग 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 दिव्यांग कलाकार और उद्यमियों का समर्थन होगा, जो अपने उत्पादों को विभिन्न श्रेणियों में प्रस्तुत करेंगे। इसमें गृह सजावट, कपड़े, स्टेशनरी, पैकेज्ड भोजन, और जैविक उत्पाद जैसी विभिन्न श्रेणियों में उत्पादों का प्रदर्शन होगा।

यहां पर्यटक सुबह 11 बजे से

 लेकर रात्रि 9 बजे तक 'दिव्य कला मेला' का आनंद ले सकते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी शानदार अनुभव कर सकते हैं। इसके साथ ही, देश के विभिन्न क्षेत्रों के पसंदीदा भोजन का आनंद लेने का भी अवसर होगा।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री द्वारा 29 दिसंबर, 2023, को इस कार्यक्रम का उद्घाटन होगा, जिसमें कई गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे।

इस अद्वितीय पहल के माध्यम से, राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम भारत सरकार के उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में एक कदम और बढ़ा रहा है और दिव्यांग समुदाय को उनके शिल्प और कला के माध्यम से समर्थन प्रदान कर रहा है। इसके माध्यम से निर्माता और उपभोक्ता दोनों को होने वाले अद्वितीय सांविदानिक महत्व को महसूस करने का अवसर होगा, जो एक समृद्धि भरा और समर्पित समाज बनाने का सपना देख रहा है।