अर्जुन (तकनीकी महत्व के पक्ष में):
अर्जुन का मानना है कि विज्ञान और तकनीकी की प्रगति से हमारे जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। उनका यह विचार है कि तकनीकी उन्नति के माध्यम से हमने समय और श्रम की बचत की है और नए और सहयोगी तरीकों के साथ कार्य करने की क्षमता मिली है। उनका मानना है कि तकनीकी सुविधाएं हमें आर्थिक, सामाजिक, और व्यक्तिगत स्तर पर बेहतर जीवन की दिशा में मदद करती हैं। उन्होंने विज्ञान और तकनीकी की अवश्यकता को बताते हुए कहा कि यह हमारे विकास की मौजूदा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विद्या (संतुलित दृष्टिकोण के पक्ष में):
विद्या का मानना है कि हमें विज्ञान और तकनीकी के साथ-साथ उनके साथी भी बनकर चलने की आवश्यकता है। उनका यह विचार है कि तकनीकी प्रगति का उपयोग हमें विकास की दिशा में मदद करता है, लेकिन हमें सुनिश्चित करना होगा कि इसका दुरुपयोग नहीं हो रहा है। विद्या का मानना है कि हमें स्वयं को ज्ञान और शिक्षा के माध्यम से समृद्धि की दिशा में दिशा-निर्देशित करना चाहिए। विद्या ने विज्ञान और तकनीकी के साथ-साथ मानवता के मूल मूल्यों और नैतिकता की महत्वपूर्णता को स्वीकारते हुए कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम तकनीकी प्रगति का उचित और नैतिक तरीके से उपयोग कर रहे हैं।
समापन:
यह विवाद दिखाता है कि विज्ञान और तकनीकी की प्रगति का महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ उनके सही और नैतिकता से युक्त उपयोग की आवश्यकता है। हमें विज्ञान और तकनीकी के उचित और नैतिक तरीके से उपयोग करके समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करना चाहिए।
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