हो गई तुझसे मोहब्बत, तो मैं क्या करूँ..!!


हो गई तुझसे मोहब्बत, तो मैं क्या करूँ, दिल के रिश्तों में ये दर्द कैसे सहूँ। तेरे बिना अब जीने की क्या वजह है, मेरे अंदर एक ख़ालीपन की आह है।

तेरी यादों में रोज़ उबलती रूह हूँ, आँखों में आंसू, दिल में रुख़सती धूं हूँ। तेरी चाहत के बिना कुछ रंग नहीं रहे, ज़िंदगी बेवजह सी हर लम्हे कहीं खो गए।

तू मेरी जिंदगी की एक कश्ती थी, जो अब तूफ़ानों में तैरती ही नहीं। खो गया हूँ मैं तेरे बिना खुद को, अब कैसे जियूँ, कहाँ जाऊँ और क्या करूँ।

ख्वाबों की दुनिया बस तेरी थी, हक़ीक़त में अब रही तू नहीं। बीत रहे हैं लम्हे तेरे संग के, यादें छिन रही हैं मेरे दिल से।

ज़िंदगी बन गई है अब तन्हाई मेरी, हर सांस में तेरी यादें बस जागी रही। मेरे दिल की आवाज़, तूने छीन ली है, हो गई तुझसे मोहब्बत, तो मैं क्या करूँ..!!

 Omnath Dubey