भारतीय रक्षा संपदा सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा, भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों/प्रशिक्षकों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की



भारतीय रक्षा संपदा सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा, भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों/अधिकारियों ने आज (30 सितंबर, 2022) राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि संबंधित सेवाओं का हिस्सा बनने के बाद, उनका प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्र और उसके लोगों की पूरी ईमानदारी से सेवा करना होना चाहिए। लोक सेवक के रूप में अपनी यात्रा में उन्हें बदलाव लाने के अवसर प्राप्त होंगे। इस तरह के बदलाव लोगों के जीवन को बदल सकते हैं। उन्हें विश्वास था कि यदि युवा कार्यालय लोगों की सेवा करने का मार्ग अपनाते हैं, तो वे अपनी नौकरी से काफी संतुष्टि अर्जित करेंगे। राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि रक्षा संपदा महानिदेशालय ने रक्षा संपदाओं के प्रबंधन के लिए उपग्रह इमेजरी, भू-स्थानिक तकनीकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी तकनीकों को अपनाया है। उन्होंने भारतीय रक्षा संपदा सेवा के अधिकारियों से छावनियों के प्रभावी प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकतम संभव सीमा तक उपयोग करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों के करियर में प्रौद्योगिकी की और भी अधिक केंद्रीय भूमिका है। पिछले दो दशकों के दौरान भारत में दूरसंचार क्रांति हुई है। भारत में मोबाइल टेलीफोनी और तेज इंटरनेट नेटवर्क की शुरूआत ने देश को अपनी विशाल डिजिटल क्षमता का दोहन करने में सक्षम बनाया है। एक विकसित देश का दर्जा हासिल करने के लिए हमारे लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली दूरसंचार और इंटरनेट सेवाओं का होना महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे हम 5G मोबाइल टेलीफोनी की ओर बढ़ते हैं, तकनीकी प्रगति और इसके कार्यान्वयन में तेजी आने वाली है। भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे इन घटनाक्रमों से अवगत रहें। भारतीय कौशल विकास सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाने के लिए, हमारे विशाल मानव संसाधनों को पर्याप्त रूप से कुशल होने की आवश्यकता है। हमारे लोगों को कुशल बनाना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारी कामकाजी उम्र की आबादी को उत्पादक बनाएगा और हमारे देश के विकास में मदद करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय कौशल विकास सेवा के अधिकारी अपने नए दृष्टिकोण और सोच के साथ कौशल-पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। भारतीय व्यापार सेवा के परिवीक्षाधीनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत की विकास गाथा बहुत आशाजनक है। जैसा कि हमारा लक्ष्य पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, हम उम्मीद करते हैं कि उनके जैसे युवा अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड -19 और अन्य भू-राजनीतिक घटनाओं के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के नए अवसर खोले हैं।