सीता हरण: रावण की कूटनीति

"सीता हरण: रावण की कूटनीति" रामायण महाकाव्य के एक प्रमुख घटना है, जो रावण द्वारा माता सीता का अपहरण करने का घटना है। यह घटना महाकाव्य को मुख्य कहानी रेखा में बदल देती है और एक प्रमुख परिवर्तन का कारण बनती है।

रावण की कूटनीति सीता हरण के साथ शुरू होती है, जिसमें वह विचारशीलता, माया, और चालबाजी का सही उपयोग करके सीता को अपहरण करता है। रावण का यह प्रयास धर्म और नैतिकता के खिलाफ होता है और उसकी अधर्मिकता को प्रमोट करता है।

इस घटना में, सीता हरण का कथानक दिखाता है कि कैसे रावण ने सीता को अपहरण करने के लिए एक कप्पियों से भरी योजना बनाई और उसके प्रति उसकी नीति की पूरी उल्लेखनी होती है।

इस घटना के माध्यम से, रामायण महाकाव्य धर्म, नैतिकता, और शिक्षा के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को उजागर करता है, साथ ही यह दिखाता है कि धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष कैसे होता है और कैसे धर्म की प्रतिष्ठा हमेशा बनी रहती है। सीता हरण का कारण बनता है कि राम अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए अद्वितीय आत्म-समर्पण और वीरता का प्रदर्शन करते हैं।