भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1: राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने की सराहना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की पहली सौर वेधशाला, आदित्य-एल1, के लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर उनके गंतव्य तक पहुंचने की अद्वितीय उपलब्धि की सराहना की है। राष्ट्रपति ने इस महान क्षण के लिए समृद्धि और भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को बधाई दी, कहते हुए कि यह मिशन सौर और पृथ्वी प्रणाली के ज्ञान में वृद्धि करेगा, जिससे पूरी मानवता को लाभ होगा। सुश्री मुर्मू ने इस मैजार उपलब्धि की स्तुति के साथ साथ इसरो की महिला वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रशंसा व्यक्त की, और कहा कि इससे महिला सशक्तिकरण में एक नई उच्चाई को छूने का एक और कदम बढ़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में इस मिशन को सराहा और इसे "सर्वाधिक जटिल और उलझे अंतरिक्ष अभियानों में से एक को सफल बनाने" के लिए वैज्ञानिकों के समर्पण का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भारत विज्ञान के नए लक्ष्यों की दिशा में अग्रसर हो रहा है और यही देश और मानवता की भलाई के लिए आगे बढ़ना जारी रखेगा।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने भी इसरो के वैज्ञानिकों की मेहनत की सराहना की और बताया कि यह एक और सफलता है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई है।