आर्य विदेशी थे जो भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करते समय कुछ स्थानों पर आवास करने लगे। इसके बारे में कुछ विद्वानों का मानना है कि वे कुशान से संबंधित थे जो मध्य एशिया से भारत आए थे। कुछ विद्वानों का मानना है कि वे स्थानीय जनजातियों से ही मिश्रित होकर बने थे।
आर्य अभी भी भारत के कुछ हिस्सों में रहते हैं जैसे कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड आदि। उनकी भाषा संस्कृत भी भारतीय सभ्यता का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसे वे अपनी वाणी मानते हैं।
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