सितंबर तक के लिए भारत में दशकीय जनगणना स्थगित की गई

जनगणना कौन करता है?

(1)  भारत के महापंजीयक
(2) जनगणना आयुक्त का कार्यालय

भारत में दशकीय जनगणना :-
भारत में दशकीय जनगणना संस्थान (Office of the Registrar General & Census Commissioner) द्वारा प्रति दशक आयोजित होती है। इसमें भारत के सभी जनजातियों, धर्म, संस्थान और स्थानों से संबंधित जानकारी एकत्रित और रिकॉर्ड की जाती है। यह जानकारी हमारे देश में आबादी, जनसंख्या, आय, शिक्षा, रोजगार, आवास, स्वास्थ्य और अन्य विषयों से संबंधित निर्णयों को लेने में मदद करती है।

जनगणना :-
जनगणना एक ऐसा प्रक्रिया है जो एक देश, समुदाय या स्थान में रहने वाले लोगों की संख्या, आय, शिक्षा, रोजगार, आवास, स्वास्थ्य आदि से संबंधित जानकारी को संग्रहीत करने का एक तरीका है। जनगणना अधिकांश देशों में सामान्यतः प्रति दशक या बार-बार आयोजित होती है, जिसमें संख्यात्मक आंकड़ों का उपयोग किया जाता है जिससे समुदाय के सभी सदस्यों पर आधारित निर्णय लिए जा सकें।

जनगणना का महत्व:-
जनगणना का महत्व अधिकांश देशों में काफी बड़ा होता है, क्योंकि यह समुदाय की संख्या, आय, शिक्षा, रोजगार, आवास, स्वास्थ्य आदि से संबंधित जानकारी को संग्रहीत करके समुदाय की स्थिति का पता लगाने में मदद करता है। जनगणना से हम जान सकते हैं कि समुदाय में कौन से वर्ग सबसे अधिक हैं और कौन से कम, समुदाय के सभी सदस्यों की आय, शिक्षा, रोजगार आदि की स्थिति क्या है, समुदाय में कितने प्रतिशत लोग आवासीय होते हैं और अधिकांश लोग कैसे रहते हैं। इसलिए जनगणना समुदाय के विकास और निर्णय लेने में बहुत महत्वपूर्ण होती है।

जनगणना का इतिहास:-

जनगणना का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण मीमेंट यहां दिए गए हैं:

  1. प्राचीन भारत में जनगणना का प्रयोग वैज्ञानिक अध्ययन और राजनीतिक निर्णय लेने के लिए होता था। इससे पहले भारत में शासन से जुड़ी संख्यात्मक जानकारी विविध व्यवसायों और व्यवस्थाओं में संग्रहीत की जाती थी।
  2. इस्लामी साम्राज्य के दौरान, जनगणना के अनुसार समुदाय की संख्या, आय, स्वास्थ्य और आवास से संबंधित जानकारी लिखने के लिए होता था।
  3. विश्व की पहली जनगणना 1700-1771 में हुई थी
  4. प्रथम समकालीन जनगणना की शुरुआत 1881 में मानी गई |
  5.  स्वतंत्र भारत में वर्ष 1951 में पहली जनगणना हुई।